बड़ा खुलासा: अर्णव गोस्वामी की रिपोर्टिंग से बौखला उद्धव सरकार बनाई थी ‘ऑपरेशन अर्णव’, जाने क्या था प्लान !

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णव गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक ऑपरेशन बनाया था जिसका नाम उन्होंने ‘ऑपरेशन अर्णव’ रखा था। रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टिंग से बौखलाई उद्धव सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए ऐसा कुछ किया। टाइम्स नाउ के रिपोर्ट के  मुताबिक महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने यह सारा हैंडल किया था।

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उन्होंने कोंकण रेंज के महानिरीक्षक संजय मोहिते के नेतृत्व में 2018 के आत्महत्या मामले में अर्णव गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए 40 मेंबर्स की उच्च स्तरीय टीम बनाई थी। इसमें ज्यादातर मुंबई और रायगढ़ पुलिस के लोग थे। मुंबई पुलिस की इस ऑपरेशन की शुरुआत उस समय हुई जब पुलिस ने   आर्किटेक्ट नाइके की आत्महत्या की जांच की अनुमति ले ली।

वरिष्ठ कैबिनेट मेंबर ने टाइम्स नाउ को बताया

आईजी मोहिते ने कथित तौर पर अर्णव गोस्वामी को गिरफ्तार करने की पूरी योजना का मसौदा तैयार किया और इस योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मुंबई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वेज पर जिम्मेदारी सौंपी गई। 40 सदस्यों वाली इस टीम के लिए अर्नव को गिरफ्तार करना काफी चुनौतीपूर्ण भरा काम था। इसके लिए उन्होंने काफी सावधानी से काम किया।टीम के सभी सदस्यों को उकसावे के बावजूद उन्हें संयम बरतने के लिए सलाह दी गई थी। एक वरिष्ठ कैबिनेट मेंबर ने टाइम्स नाउ को यह सारी जानकारी साझा की है।

उन्होंने ऑपरेशन के बारे में डिटेल्स बताते हुए कहा कि यह सारा ऑपरेशन इस तरह से तैयार किया गया था जैसे अर्णव काफी खतरनाक अपराधी हो और येलोग उसे पकड़ने के लिए जा रहे हैं। आगे इस  सदस्य ने कहा कि प्राथमिक जांच से यह पता चल गया था कि अर्णव आत्महत्या मामले में सम्मिलित थे। इसके बाद पुलिस वाले हो उस बिल्डिंग के चक्कर लगाने लगे जहां अर्णव रहा करते थे।उन्होने बताया  यह पूरी तरह से एक गुप्त ऑपरेशन था। हम पूरी तरह से डरे हुए थे क्योंकि थोड़ी सी भी जानकारी लीक हो जाने के बाद अर्णव की गिरफ्तारी नहीं हो पाती है और अरनव शहर की तरफ भाग निकलता।

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सब कुछ था प्लांड

आगे उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस ने अर्णव की गिरफ्तारी के लिए सुबह का समय चुनाव। यह पूरी तरह से एक प्लांड ऑपरेशन था। इस ऑपरेशन में छोटी से छोटी बातों पर भी ध्यान दिया गया था। यह भी तय था कि कौन दरवाजा खटखटायेगा, कौन परिवार के सदस्यों से बात करेगा और विरोध करने पर क्या कार्रवाई की जाएगी। इस तरह से रिपब्लिकन टीवी के editor-in-chief अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया जैसे मानो को एक बहुत बड़ा अपराधी हो।